हैं भई चाचू हरखूराम हैं भई चाचू हरखूराम
लो भई परिणाम भी आऐ लो भई परिणाम भी आऐ
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
बदलाव जरूरी है... बदलाव जरूरी है...
सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़मीन की ख़ातिर ह सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़म...
बहुत तीखी धूप है यहां छाता तो मिलता है पर , माँ बाप के प्यार की छाया नहीं मिलती है। बहुत तीखी धूप है यहां छाता तो मिलता है पर , माँ बाप के प्यार की छाया नहीं ...